सम्पूर्ण हिन्दी नोट्स (व्याकरण + साहित्य) | Free Best Hindi Notes for All Competitive Exams - PSC, RO/ARO, UPSC, TET, Police and ETC.

सम्पूर्ण हिन्दी नोट्स: सभी भारतीय परीक्षाओं के लिए

इन नोट्स का उपयोग कैसे करें?

For higher exams (RO/ARO, UPSC, TET, Police, State PSCs): All parts, especially 1, 4, 5, and 6, are crucial.

Make Your Own Detailed Notes: Use this structure as an index. Create a notebook and write down definitions, rules, and at least 10-20 examples for each topic. Practice is key.

भाग 1: हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar)

1.1: वर्ण विचार (Phonology)

वर्ण (Letter): भाषा की सबसे छोटी इकाई। (जैसे - अ, क, च)

स्वर (Vowels): स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ).

प्रकार: ह्रस्व (अ, इ, उ, ऋ), दीर्घ (आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ), प्लुत (ओ३म्).

व्यंजन (Consonants): स्वरों की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण (क, ख, ग...).

प्रकार: स्पर्श (क वर्ग से प वर्ग), अंतस्थ (य, र, ल, व), ऊष्म (श, ष, स, ह), संयुक्त (क्ष = क्+ष, त्र = त्+र, ज्ञ = ज्+ञ, श्र = श्+र).

उच्चारण स्थान (Place of Articulation):

कंठ्य (गले से)

अ, आ, क, ख, ग, घ, ङ

तालव्य (तालू से)

इ, ई, च, छ, ज, झ, ञ, य, श

मूर्धन्य (मूर्धा से)

ऋ, ट, ठ, ड, ढ, ण, र, ष

दंत्य (दाँत से)

त, थ, द, ध, न, ल, स

ओष्ठ्य (होंठ से)

उ, ऊ, प, फ, ब, भ, म

1.2: शब्द विचार (Morphology)

शब्द (Word): वर्णों का सार्थक समूह। (जैसे - कमल, घर, पानी)

वर्गीकरण (Classification):

उत्पत्ति के आधार पर: तत्सम (अग्नि), तद्भव (आग), देशज (लोटा), विदेशज (स्कूल)।

रचना के आधार पर: रूढ़ (घर), यौगिक (पाठशाला), योगरूढ़ (दशानन)।

प्रयोग के आधार पर: विकारी (संज्ञा, सर्वनाम), अविकारी (अव्यय)।

1.3: संज्ञा (Noun) और उसके भेद

परिभाषा: किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।

भेद (Types):

व्यक्तिवाचक (Proper Noun): राम, दिल्ली, गंगा। (एक विशेष नाम)

जातिवाचक (Common Noun): नदी, पर्वत, लड़का। (पूरी जाति का बोध)

भाववाचक (Abstract Noun): बचपन, मिठास, क्रोध। (गुण, भाव, दशा)

समूहवाचक (Collective Noun): सेना, कक्षा, भीड़। (समूह का बोध)

द्रव्यवाचक (Material Noun): सोना, घी, पानी। (माप-तोल वाली वस्तुएँ)

1.4: सर्वनाम (Pronoun) और उसके भेद

परिभाषा: संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द।

भेद (6 Types):

पुरुषवाचक (Personal): मैं, तुम, वह। (बोलने वाले, सुनने वाले, अन्य व्यक्ति के लिए)

निश्चयवाचक (Demonstrative): यह, वह। (निश्चित वस्तु/व्यक्ति के लिए - यह मेरी किताब है।)

अनिश्चयवाचक (Indefinite): कोई, कुछ। (अनिश्चित वस्तु/व्यक्ति के लिए - दरवाजे पर कोई है।)

संबंधवाचक (Relative): जो, सो। (जो करेगा, सो भरेगा।)

प्रश्नवाचक (Interrogative): कौन, क्या। (प्रश्न पूछने के लिए - तुम क्या कर रहे हो?)

निजवाचक (Reflexive): आप, स्वयं। (स्वयं के लिए - मैं यह काम आप ही कर लूँगा।)

💡 1.5: विशेषण और विशेष्य (Adjective and the Noun it describes)

विशेषण (Adjective): संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द।

विशेष्य (Visheshya): जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताई जाती है, उसे विशेष्य कहते हैं।

💡 उदाहरण

वाक्य: "काला घोड़ा दौड़ रहा है।"

यहाँ 'काला' शब्द 'घोड़ा' की विशेषता बता रहा है।

विशेषण: काला

विशेष्य: घोड़ा

विशेषण के भेद (4 Types):

गुणवाचक (Adjective of Quality): अच्छा लड़का, काला घोड़ा, मोटा आदमी।

संख्यावाचक (Adjective of Number): निश्चित (चार लड़के), अनिश्चित (कुछ लोग)।

परिमाणवाचक (Adjective of Quantity): निश्चित (दो किलो चीनी), अनिश्चित (थोड़ा पानी)।

सार्वनामिक (Pronominal Adjective): यह घर, वह किताब। (जब सर्वनाम संज्ञा से पहले आकर उसकी विशेषता बताए)

1.6: क्रिया (Verb) और उसके भेद

परिभाषा: जिस शब्द से किसी काम के करने या होने का बोध हो। (जैसे - खाना, सोना, पढ़ना)

भेद:

कर्म के आधार पर: सकर्मक (राम फल खाता है।), अकर्मक (बच्चा रोता है।)।

रचना के आधार पर: सामान्य (वह आया), संयुक्त (वह आने लगा), नामधातु (हथियाना), प्रेरणार्थक (सुलवाती है)।

1.7: लिंग (Gender), वचन (Number), कारक (Case)

लिंग (2 Types): पुल्लिंग (Male - लड़का, राजा), स्त्रीलिंग (Female - लड़की, रानी).

वचन (2 Types): एकवचन (Singular - किताब, रात), बहुवचन (Plural - किताबें, रातें).

कारक (8 Types):

कारकविभक्ति चिह्नउदाहरण
कर्तानेराम ने खाया।
कर्मकोमाँ ने बच्चे को सुलाया।
करणसे/के द्वारा (साधन)वह कलम से लिखता है।
सम्प्रदानको/के लिए (देना)राजा ने गरीबों को कम्बल दिए।
अपादानसे (अलग होना)पेड़ से पत्ता गिरा।
संबंधका/की/केयह राम का घर है।
अधिकरणमें/परमछली पानी में रहती है।
संबोधनहे/अरेहे राम! यह क्या हुआ।

1.8: काल (Tense)

भेद (3 Types):

वर्तमान काल (Present): राम पढ़ता है (सामान्य)। राम पढ़ रहा है (अपूर्ण)।

भूतकाल (Past): राम ने पढ़ा (सामान्य)। राम पढ़ रहा था (अपूर्ण)। राम ने पढ़ा था (पूर्ण)।

भविष्यत् काल (Future): राम पढ़ेगा (सामान्य)। शायद राम पढ़े (संभाव्य)।

1.9: वाच्य (Voice)

भेद (3 Types):

कर्तृवाच्य (Active Voice): कर्ता प्रधान। (राम पत्र लिखता है।)

कर्मवाच्य (Passive Voice): कर्म प्रधान। (राम द्वारा पत्र लिखा जाता है।)

भाववाच्य (Impersonal Voice): भाव (क्रिया) प्रधान। (मुझसे चला नहीं जाता।)

1.10: अव्यय (Indeclinable Words)

परिभाषा: जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन, कारक के कारण नहीं बदलता।

भेद (4 Types):

क्रियाविशेषण: वह धीरे-धीरे चलता है।

संबंधबोधक: घर के सामने पेड़ है।

समुच्चयबोधक: राम और श्याम भाई हैं।

विस्मयादिबोधक: वाह! कितना सुंदर दृश्य है।

1.11: संधि (Joining of Sounds)

परिभाषा: दो वर्णों के मेल से होने वाला विकार।

भेद (3 Types):

स्वर संधि: दीर्घ (विद्यालय), गुण (नरेंद्र), वृद्धि (सदैव), यण (इत्यादि), अयादि (नयन)।

व्यंजन संधि: जगत् + नाथ = जगन्नाथ।

विसर्ग संधि: नमः + ते = नमस्ते।

1.12: समास (Compounding of Words)

परिभाषा: दो या दो से अधिक शब्दों को मिलाकर एक नया शब्द बनाना।

भेद (6 Types):

अव्ययीभाव: प्रथम पद प्रधान/अव्यय (यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार)।

तत्पुरुष: उत्तर पद प्रधान (राजपुत्र - राजा का पुत्र)।

कर्मधारय: विशेषण-विशेष्य का संबंध (नीलकमल - नीला है जो कमल)।

द्विगु: प्रथम पद संख्यावाची (चौराहा - चार राहों का समूह)।

द्वंद्व: दोनों पद प्रधान (माता-पिता - माता और पिता)।

बहुव्रीहि: कोई पद प्रधान नहीं, तीसरा अर्थ निकले (दशानन - दस हैं आनन जिसके अर्थात् रावण)।

1.13: उपसर्ग (Prefix) & प्रत्यय (Suffix)

उपसर्ग: शब्द के आरम्भ में जुड़कर अर्थ बदलने वाले शब्दांश। (जैसे - प्र + हार = प्रहार; वि + हार = विहार)

प्रत्यय: शब्द के अंत में जुड़कर अर्थ बदलने वाले शब्दांश। (जैसे - समाज + इक = सामाजिक; सुंदर + ता = सुंदरता)

1.14: वाक्य विचार (Syntax)

भेद:

अर्थ के आधार पर (8 भेद):

1. विधानवाचक वाक्य: जिससे किसी काम के होने या करने की सामान्य सूचना मिले। (जैसे - सूर्य पूर्व में उगता है।)

2. निषेधवाचक वाक्य: जिससे किसी काम के न होने का भाव प्रकट हो। (जैसे - मैं आज स्कूल नहीं जाऊँगा।)

3. प्रश्नवाचक वाक्य: जिससे किसी प्रकार का प्रश्न पूछा जाए। (जैसे - तुम क्या कर रहे हो?)

4. आज्ञावाचक वाक्य: जिससे आज्ञा, प्रार्थना या उपदेश का बोध हो। (जैसे - कृपया शांत रहें।)

5. विस्मयादिबोधक वाक्य: जिससे आश्चर्य, शोक, हर्ष, घृणा आदि का भाव व्यक्त हो। (जैसे - वाह! कितना सुंदर फूल है!)

6. इच्छावाचक वाक्य: जिससे इच्छा, शुभकामना या आशीर्वाद का बोध हो। (जैसे - आपकी यात्रा मंगलमय हो।)

7. संदेहवाचक वाक्य: जिससे किसी काम के होने में संदेह या संभावना का बोध हो। (जैसे - शायद आज वर्षा होगी।)

8. संकेतवाचक वाक्य: जिसमें एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर करे। (जैसे - यदि तुम मेहनत करते, तो सफल हो जाते।)

रचना के आधार पर (3 भेद): सरल (राम खेलता है), संयुक्त (राम खेलता है और मोहन पढ़ता है), मिश्र (जब राम आया, तब मोहन चला गया)।

1.15: विराम चिह्न (Punctuation)

पूर्ण विराम (।): वाक्य के अंत में। (मोहन घर गया।)

अल्प विराम (,): थोड़ी देर रुकने के लिए। (राम, श्याम और मोहन आए।)

प्रश्नवाचक (?): प्रश्न पूछने पर। (तुम कहाँ जा रहे हो?)

विस्मयादिबोधक (!): आश्चर्य, हर्ष, शोक पर। (वाह! क्या बात है!)

योजक (-): दो शब्दों को जोड़ने के लिए। (माता-पिता, सुख-दुःख)

उद्धरण चिह्न (“ ”): किसी की कही बात को लिखने के लिए।

💡 1.16: वाक्य एवं वर्तनी शुद्धि (Sentence & Spelling Correction)

यह व्याकरण के नियमों के व्यावहारिक प्रयोग की जाँच करता है। इसमें अशुद्ध वाक्य या शब्द को शुद्ध करना होता है।

अशुद्धियों के सामान्य प्रकार:

वर्तनी संबंधी (Spelling):

अशुद्ध: आर्शीवाद, उज्वल → शुद्ध: आशीर्वाद, उज्ज्वल

शब्द-अर्थ प्रयोग की अशुद्धि:

अशुद्ध: मैं आपका धन्यवाद करता हूँ। → शुद्ध: मैं आपको धन्यवाद देता हूँ।

लिंग संबंधी:

अशुद्ध: बेटी पराए घर का धन होता है। → शुद्ध: बेटी पराए घर का धन होती है।

वचन संबंधी:

अशुद्ध: भारत में अनेकों राज्य हैं। → शुद्ध: भारत में अनेक राज्य हैं। ('अनेक' स्वयं बहुवचन है)

पदक्रम संबंधी:

अशुद्ध: गाय का ताजा दूध मिलता है यहाँ। → शुद्ध: यहाँ गाय का ताजा दूध मिलता है।

1.17: अलंकार, रस, छंद (For specific exams)

अलंकार: काव्य का सौंदर्य बढ़ाने वाले तत्व। (शब्दालंकार, अर्थालंकार)

रस: काव्य को पढ़कर मिलने वाला आनंद। (शृंगार, हास्य, वीर, करुण)

छंद: मात्रा और वर्णों की निश्चित व्यवस्था। (दोहा, सोरठा, चौपाई)

भाग 2: शब्दावली (Vocabulary)

(This section is about memorization. Create long lists for each category and revise them daily).

2.1 पर्यायवाची (Synonyms): आग - अग्नि, अनल, पावक। जल - पानी, नीर, वारि।

2.2 विलोम (Antonyms): दिन - रात। जय - पराजय। अमृत - विष।

2.3 वाक्यांश के लिए एक शब्द: जो कभी न मरे - अमर। जो ईश्वर में विश्वास रखता हो - आस्तिक।

2.4 अनेकार्थी शब्द: कर - हाथ, टैक्स, सूंड। कनक - सोना, धतूरा।

2.5 श्रुतिसम भिन्नार्थक: अनल (आग) - अनिल (हवा)। दिन (दिवस) - दीन (गरीब)।

2.6 मुहावरे/लोकोक्तियाँ: आँखों का तारा (बहुत प्यारा), अधजल गगरी छलकत जाए।

2.7 तत्सम/तद्भव: दुग्ध (तत्सम) - दूध (तद्भव)। रात्रि (तत्सम) - रात (तद्भव)।

💡 2.8 पारिभाषिक शब्दावली (Administrative Terminology): इसमें प्रशासनिक कार्यों में प्रयुक्त होने वाले अंग्रेजी शब्दों का सटीक हिन्दी अर्थ और हिन्दी शब्दों का अंग्रेजी अर्थ पूछा जाता है।

अंग्रेजी से हिन्दी:

• Agenda → कार्यसूची

• Notification → अधिसूचना

• Jurisdiction → अधिकार-क्षेत्र

हिन्दी से अंग्रेजी:

• पत्राचार → Correspondence

• प्रतिनियुक्ति → Deputation

• विधेयक → Bill

भाग 3: अपठित बोध एवं सारांश लेखन

💡 3.1: गद्यांश को समझना और उत्तर देना

इसमें एक गद्यांश (passage) दिया जाता है और उस पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।

Strategy:

First, read the questions quickly. This tells you what to look for.

Then, read the passage carefully, underlining key lines related to the questions.

✔ Answer the questions based ONLY on the information given in the passage.

प्रमुख प्रश्न प्रकार:

1. शीर्षक चयन (Title Selection): ऐसा शीर्षक चुनें जो गद्यांश के केंद्रीय भाव को व्यक्त करे। यह छोटा और सारगर्भित होना चाहिए।

2. सारांश/सार लेखन (Précis/Summary Writing): गद्यांश के मूल भाव को बनाए रखते हुए उसे लगभग एक-तिहाई (1/3) शब्दों में लिखें। इसे अपनी भाषा में लिखें और कोई भी महत्वपूर्ण बात न छोड़ें।

3. रेखांकित अंशों की व्याख्या (Explanation of Underlined Portions): रेखांकित वाक्यों को अपनी भाषा में सरल शब्दों में स्पष्ट करें। इसमें लेखक के गूढ़ विचारों को खोलकर समझाना होता है।

भाग 4: लेखन कौशल (पत्राचार एवं निबंध)

4.1: पत्र लेखन (Letter Writing)

औपचारिक (Formal): प्रार्थना पत्र, शिकायती पत्र। (Learn the format: प्रेषक का पता, दिनांक, पाने वाले का पद/पता, विषय, महोदय, मुख्य विषय-वस्तु, धन्यवाद, भवदीय)।

अनौपचारिक (Informal): मित्रों/परिवार को पत्र। (Learn the format: पता, दिनांक, प्रिय..., अभिवादन, मुख्य बात, समापन)।

💡 शासकीय पत्राचार (Official Correspondence)

विभिन्न सरकारी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रमुख पत्र प्रारूप:

शासकीय पत्र (Official Letter): एक सरकारी कार्यालय से दूसरे को भेजा जाने वाला औपचारिक पत्र।

अर्ध-शासकीय पत्र (Demi-Official Letter): जब कोई अधिकारी किसी अन्य अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से किसी मामले पर ध्यान आकर्षित करने के लिए लिखता है। यह मैत्रीपूर्ण भाषा में होता है।

कार्यालय आदेश (Office Order): कार्यालय के आंतरिक प्रशासन संबंधी आदेशों (जैसे नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण) के लिए।

परिपत्र (Circular): जब एक ही सूचना या आदेश अनेक कार्यालयों/अधिकारियों को भेजना हो।

विज्ञप्ति (Communiqué/Press Note): सरकारी निर्णय को आम जनता तक पहुँचाने के लिए समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली सूचना।

अनुस्मारक (Reminder): पहले भेजे गए पत्र का उत्तर न मिलने पर याद दिलाने के लिए भेजा गया पत्र।

4.2: निबंध लेखन (Essay Writing)

संरचना (Structure): भूमिका (Introduction) → मुख्य भाग (Body) → उपसंहार (Conclusion)।

💡 प्रमुख निबंध विषय (RO/ARO Mains Syllabus के अनुसार)

(क) साहित्य और संस्कृति / सामाजिक क्षेत्र / राजनीतिक क्षेत्र:

• भारतीय संस्कृति की विविधता में एकता

• लोकतंत्र में चुनावों की भूमिका

(ख) विज्ञान, पर्यावरण एवं प्रौद्योगिकी / आर्थिक क्षेत्र / कृषि एवं व्यापार:

• पर्यावरण संरक्षण: समय की मांग

• भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की संभावनाएं

(ग) राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम / प्राकृतिक आपदाएँ / राष्ट्रीय विकास योजनाएँ:

• आत्मनिर्भर भारत अभियान

• आपदा प्रबंधन में भारत की क्षमता

💡 4.3: सरकारी पत्र का सारिणी रूप (Tabular Form of a Government Letter)

इसमें किसी दिए गए सरकारी पत्र की मुख्य सूचनाओं को एक सारणी (Table) में प्रस्तुत करना होता है। यह पत्र का संक्षिप्त और व्यवस्थित रूप होता है।

सारणी के प्रमुख कॉलम:

क्र. सं.पत्रांकदिनांकप्रेषकप्रेषिती (सेवा में)विषय
1.(पत्र का पत्रांक)(पत्र की तिथि)(भेजने वाले का पद और पता)(पाने वाले का पद और पता)(पत्र का संक्षिप्त विषय)

भाग 5: हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास (For advanced exams)

आदिकाल (1050-1375): वीरगाथा काल। प्रमुख कवि - चंदबरदाई (रचना: पृथ्वीराज रासो)।

भक्तिकाल (1375-1700): स्वर्ण युग।

निर्गुण: कबीर (रचना: बीजक), जायसी (रचना: पद्मावत)।

सगुण: सूरदास (रचना: सूरसागर), तुलसीदास (रचना: रामचरितमानस)।

रीतिकाल (1700-1900): शृंगारिक काव्य। कवि - बिहारी (रचना: सतसई), केशवदास।

आधुनिक काल (1900-अब तक): भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावाद (प्रसाद, पंत, निराला, महादेवी वर्मा), प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता।

भाग 6: हिन्दी भाषा का विकास एवं संवैधानिक स्थिति

हिन्दी भाषा का विकास क्रम (Flowchart)

संस्कृत
पालि
प्राकृत
अपभ्रंश
प्राचीन/प्रारंभिक हिन्दी

संवैधानिक स्थिति

अनुच्छेद 343: संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी।

8वीं अनुसूची: इसमें 22 भारतीय भाषाओं को मान्यता दी गई है।

राजभाषा आयोग: गठन और कार्य।

💡 भाग 7: विशिष्ट परीक्षा हेतु अतिरिक्त विषय

7.1: कंप्यूटर का सामान्य ज्ञान (General Computer Knowledge)

यह खंड कुछ विशिष्ट परीक्षाओं के पाठ्यक्रम का हिस्सा है। इसमें कंप्यूटर की मूलभूत जानकारी से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

प्रमुख विषय:

कंप्यूटर का परिचय: हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, इनपुट/आउटपुट डिवाइस (की-बोर्ड, माउस, प्रिंटर, मॉनिटर)।

ऑपरेटिंग सिस्टम: विंडोज, लिनक्स आदि का सामान्य परिचय।

एमएस-ऑफिस: एमएस-वर्ड (डॉक्यूमेंट बनाना), एमएस-एक्सेल (स्प्रेडशीट), एमएस-पॉवरपॉइंट (प्रेजेंटेशन)।

इंटरनेट और ईमेल: वेब ब्राउजर, सर्च इंजन, ईमेल भेजना और प्राप्त करना।

शॉर्टकट कुंजी (Shortcut Keys): Ctrl+C (कॉपी), Ctrl+V (पेस्ट), Ctrl+S (सेव) आदि।

कंप्यूटर शब्दावली: CPU, RAM, ROM, URL, WWW आदि का पूर्ण रूप और अर्थ।

निष्कर्ष

यह नोट्स आपकी तैयारी को एक नई दिशा देंगे। नियमित रूप से अभ्यास करें और अपनी परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। यदि आपके कोई प्रश्न हैं या आप किसी विषय पर अधिक जानकारी चाहते हैं, तो नीचे टिप्पणी करें!

शुभकामनाएं!

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